ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अपनी 10 सूत्रीय लंबित मांगों के चलते हुए बहुत दिनों से आंदोलित है। एवं अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। निर्वाचन का उदाहरण देते हुए कहते हैं, कि ग्रामीण क्षेत्र के उन कर्मचारियों को जो वोट प्रभावित करते हैं। उन लोगों को निर्वाचन में नहीं लगाते हैं। इससे स्पष्ट है कि उन लोगों से डरकर, उन लोगों की मांग को सरकार जल्दी पूरा करती है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की मांग लगातार कई वर्षों से सर्वेयर के समान वेतनमान अर्थात 28 सो रुपए कि ग्रेड पे दिए जाने की मांग लगातार करते आ रहे हैं। सरकार इस पर संज्ञान नहीं ले रही है। इससे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी पुनः ज्ञापन देकर सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत करा रही है। वही ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को स्थाई यात्रा भत्ता रोज का दौरा संपन्न करने हेतु दिया जाता है। जो मात्र ₹300 है। जो साइकिल के रखरखाव के मान से दिया जाता है। वर्तमान कार्यभार बढ़ा है। उसमें द्रुत गति से चलने वाले वाहनों का उपयोग समय की मांग है।ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारीयों को मोटरसाइकिल उपयोग करना पड़ रही है। और अब उनका व्ययभार बहुत बढ़ गया है। और उसके एवज में मात्र ₹300 में मिलता है। उनकी अपेक्षा है कि इन्हें ₹3000 प्रतिमाह पेट्रोल वाहन के रखरखाव हेतु दिया जाए। नवनियुक्त ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों का 70-80 90% के स्थान पर पूर्ण वेतन दिया जाए। नियुक्ति दिनांक से ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को स्नातक वेतनमान दिया जाए। समय पर प्रमोशन दिया जाए। रुके हुए प्रमोशन को तत्काल प्रक्रिया में लाया जाए। रिक्त पदों पर जल्दी से जल्दी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की भर्ती की जाए।