शिप्रा नदी के घाटों पर इन दिनों ​इतनी अधिक काई जमी है कि नदी में पैर रखते ही श्रद्धालु सीढ़ियों से फिसलकर गिर रहे हैं व उनके सिर, हाथ, पैरों में गंभीर चोट लग रही है। रविवार को भिंड निवासी युवक​ दत्त अखाड़ा घाट पर फिसलन की वजह से नदी में गिरा व डूबने लगा, जिसे लोगों ने बचाया। इस दौरान उसका कान लहूलुहान हो गया।

शिप्रा नदी के घाटों पर काई अर्थात कंजी एक बड़ी समस्या बनी हुई है और यहीं भी दुर्घटना का कारण बन रही है। अमूमन रोज ही रामघाट, दत्त अखाड़ा समेत आसपास के घाटों पर फिसलन की वजह से लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। क्योंकि घाटों पर काई तो है ही, दूसरा नदी में पानी अत्यधिक बढ़ा हुआ है व सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। भिंड निवासी श्रीकांत शेखर नदी में फिसलकर सीधे गहरे पानी में चला गया। साथियों ने शोर मचाया तो तैराक संतोष सोलंकी व अन्य मदद को दौड़े। युवक का कान कट गया व खून बह रहा था लेकिन प्राथमिक उपचार तक की सुविधा घाटों पर नहीं थी।

प्राथमिक उपचार की सुविधा तक नहीं

शिप्रा के घाटाें पर सुरक्षा के इंतजाम तो बिल्कुल भी नहीं है लेकिन घाटों पर लोगों को इमरजेंसी में प्राथमिक उपचार दे सके, ऐसी भी कोई सुविधा नहीं है। यहां कोई डूब रहा होता है तो उसे बचाने के बाद तत्काल जिला अस्पताल भिजवाने पर ही उपचार मिलेगा, इस बीच रास्ते में उसके साथ कुछ भी अनहोनी हो जाए। यहीं स्थिति घाट पर फिसलन की वजह से घायल होने वालों की हाे रही है।

बैठक में मुद्दा उठाया, ध्यान देना जरूरी

हाल में हुई बैठक में शिप्रा नदी के घाटों को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के समक्ष अपने सुझाव रखे हैं। होमगार्ड विभाग की तरफ से सुरक्षा संबंधी जो प्रयास हो सकते हैं, वे सब किए जा रहे हैं।

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