उज्जैन वैसे तो धार्मिक नगरी होने की वजह से यहां आए दिन त्योहारों का उत्साह और वातावरण बना रहता है। इस बार सोमवती अमावस्या होने की वजह से दूरदराज ग्रामीण लोग यहां पर आकर सोमकुड़ आकर स्नान करते हैं। और भगवान सोमेश्वर का दर्शन करते हैं,, किंतु 4 दिन बाद आने वाले सोमवार के पहले भी उज्जैन नगर पालिका निगम ने इस सोमकुंड तीर्थ की सुध नहीं ली,, और यहां पर साफ सफाई नहीं की जा रही है। मान्यता है कि इस कुंड पर श्रद्धालु 108 चीजों का स्नान करने के बाद दान पूर्ण करते हैं और उसके बाद उनकी मनोकामना पूर्ण होती है हालांकि नगर निगम वैसे तो लाख दावे करता है कि वह उज्जैन शहर को साफ और स्वच्छ रखने के लिए रात दिन काम कर रहा है लेकिन हकीकत कुछ और दिखाई दे रही है।