भले ही मध्यप्रदेश के शासक शिवराज सिंह चौहान हों, लेकिन उज्जैन पहुंचते ही वे भी सेवक हो जाते हैं। इसका एक उदाहरण मंगलवार को उज्जैन में पहली बार कैबिनेट की बैठक में देखने को मिला। यहां पर सीएम शिवराज के साथ ही पूरी कैबिनेट बैठी, जिसकी अध्यक्षता किसी और ने नहीं खुद उज्जैन के महाराजा भगवान महाकाल ने की।

मुख्य सीट पर बाबा महाकाल की तस्वीर को आसीन किया गया। बाईं ओर सीएम शिवराज बैठे और फिर विकास के लिए कई योजनाओं पर कैबिनेट की मंजूरी मिली। सीएम ने कैबिनेट की बैठक के पहले खुद कहा- महाकाल महाराज से सबके कल्याण की कामना करता हूं। महाकाल महाराज यहां के राजा हैं, हम लोग सेवक हैं। सेवक के नाते हम लोग महाकाल महाराज से प्रार्थना कर रहे हैं।

 

कैबिनेट के फैसले

  • महाकाल कॉरिडोर अब महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा।
  • उज्जैन हवाई पट्टी का विस्तार 80 करोड़ से होगा। इसे 30 हेक्टेयर से बढ़कर 41 हेक्टेयर किया जाएगा। बाद में एयरपोर्ट बनेगा।
  • पुलिस के बैंड में नई भर्ती होगी। इसके लिए 36 नए पद स्वीकृत किए गए।
  • शिप्रा नदी अविरल बहती रहे, उसको प्रवाहमान बनाने के लिए सैद्धांतिक सहमति बनी।
  • शिप्रा नदी का किनारा साबरमती रिवर फ्रंट की तरह विकसित होगा।
  • पर्यटन के क्षेत्र में एक साथ 8 पुरस्कार मध्य प्रदेश को मिले।
  • जल जीवन मिशन में 22 जिलों के लिए नल जल योजना को मंजूरी मिली।

2017 में विकास की परिकल्पना की

उज्जैन के संकुल भवन में आयोजित बैठक में सीएम ने कहा- ये ऐतिहासिक पल है, 2017 में जब अपनी सरकार थी, तब भूपेन्द्र सिंह यहां के प्रभारी मंत्री थे। उस समय ये परिकल्पना आई थी कि महाकाल परिसर का विस्तार किया जाए। विचार विमर्श के बाद इसके प्रारंभिक चरण में स्थानीय नागरिकों और स्टेक होल्डर्स से चर्चा कर ये योजना बनाई थी। एक साल में डीपीआर का काम पूरा किया। अपनी कैबिनेट में ही पूरी चर्चा करके प्रथम चरण के लिए टेंडर 2018 में चुनाव के पहले बुलाए थे। बाद में सरकार बदलने के बाद काम प्रसुप्तावस्था में चला गया, लेकिन 2020 में सरकार बनने के बाद उज्जैन का दौरा किया और पूरी समीक्षा की।

40 मिनट चली कैबिनेट बैठक

बैठक करीब 40 मिनट चली, जिसमें उज्जैन के विकास को लेकर कई बढ़े निर्णय लिए गए। सीएम ने कहा- महाकाल कॉरिडोर का 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री उद्घाटन करने आ रहे हैं। ये आयोजन केवल सरकार का नहीं बल्कि जनता का बने। महाकाल महाराज राजा और हम सब सेवक के रूप में बैठेंगे।

11 अक्टूबर को स्थानीय अवकाश

कैबिनेट मीटिंग के बाद सीएम ने 150 प्रभुद्धजनों से कालिदास अकादमी में मुलाकात और उनसे सुझाव लिए। इस दौरान मंच पर संत शांति स्वरूपानंद जी महाराज, अतुलेशनंद जी, दिग्विजय दास, उमेशनाथ जी महाराज समेत अन्य संत मौजूद रहे। इस दौरान सीएम ने कहा की महाकाल लोक का लोकार्पण 11 अक्टूबर को पीएम मोदी करेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक को देखने आएंगे। कालिदास अकादमी में प्रबुद्धजनों की बैठक में सुझाव आया है कि इतना बड़ा कार्यक्रम हो रहा है, इसके लिए आम लोगों की भागीदारी करने के लिए शहर में एक दिन का अवकाश घोषित किया जाए। सुझाव का स्वागत कर अवकाश घोषित कर दिया गया।

856 करोड़ का प्रोजेक्ट

सीएम ने बताया कि प्रारंभ में परियोजना की लागत 97 करोड़ थी। उसको बढ़ाकर 856 करोड़ किया। इसके दो चरण थे पहला चरण 351 करोड़ 55 लाख और दूसरा चरण के लिए 310 करोड़ 22 लाख की स्वीकृति दी। इसमें भू अर्जन भी शामिल है। कुछ लोगों को यहां से विस्थापित करना पड़ा भू अर्जन में करीब 150 करोड़ रुपए खर्च हुए। पहले चरण में महाकाल रूद्रसागर एकीकृत विकास का काम, सौर ऊर्जा, पार्किंग, भूमि विकास, सहित तमाम काम कराए गए। रुद्र सागर सीवेज के पानी से पट जाता था अब उसमें शिप्रा जी का पानी डालकर सागर की तरह रखा जाएगा। दूसरे चरण में यहां महाराज वाड़ा परिसर का उन्नयन, छोटा रुद्र सागर, राम घाट लेक फ्रंट का डेवलपमेंट, नया वेटिंग हॉल, रुद्रसागर पश्चिमी मार्ग का विकास जैसे कामों के साथ हटाए जा रहे स्कूलों का निर्माण किया जाएगा। इस पूरी परियोजना में 856 करोड 9 लाख की है। ये सब महाकाल महाराज करवा रहे हैं हम सब निमित्त मात्र हैं।

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