उज्जैन न्यायालय के इतिहास पहली बार एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें हाई कोर्ट द्वारा कैंसिल की गई आरोपियों की जमानत को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी गई अभिभाषक महेंद्र सोलंकी ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी फरीद नूर को आई,पी,सी, की धारा 406,420,467,468,471, के अंतर्गत सप्तम अतिरिक्त सत्र न्यायालय द्वारा जमानत दे दी गई थी लेकिन फरियादी पक्ष के द्वारा उच्च न्यायालय में जमानत आदेश के विरुद्ध निरस्तीकरण का आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें आरोपी की जमानत कैंसिल कर दी गई थी उसको लेकर अभिभाषक महेंद्र सोलंकी उज्जैन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमें आरोपी फरीद नूर को जमानत मिली है और उज्जैन के इतिहास में यह पहला मामला है जिसमें हाईकोर्ट से कैंसिल जमानत को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकार किया गया । माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जमानत केंसिल करने के प्रकरण के आरोपी फरीद नूर को पुनः लगभग देढ़ माह तक जेल में रहना पड़ा था।