जल झूलनी एकादशी पर मंगलवार शाम 7:00 बजे से फूलडोल चल समारोह बेरवा समाज के लोगों द्वारा निकाला गया । जिसमें बड़ी संख्या में बेरवा समाज के समाज जनों ने झांकियों व अखाड़ों के साथ करतब करते लोगों को निहारा जिसमें अखाड़ों व रास मंडल के साथ ही महाकाल की भस्म आरती, खाटू श्याम बाबा जैसी झांकी की भक्ति में श्रद्धालु रमें नजर आए । अखाड़ों के माध्यम से कलाकारों ने तरह-तरह के करतब दिखाकर लोगों को अचंभित भी किया । मंगलवार को देर रात तक लोगों ने झांकियों को निहारा । क्योंकि 2 साल बाद झांकियों को निहारने का मौका शहर वासियों के लिए अनूठा रहा । क्योंकि कोरोना के कारण 2 साल से फूलडोल चल समारोह का आयोजन नहीं किया गया था । फ्रीगंज के टावर पर शाम 7:00 बजे से झांकियों का आना शुरू हुआ जिसमें जगह-जगह मंच बनाकर अखाड़ों व झांकियों का स्वागत विभिन्न मंचों से किया गया ।
झांकियों को निहारने के लिए हजारों की संख्या में समाज जन व शहरवासी टावर चौक व शहर की प्रमुख मार्गों पर इकट्ठे हुए । थाना माधव नगर व थाना नानाखेड़ा पुलिस के थाना प्रभारियों सहित थाने के बल ने डोल ग्यारस चल समारोह में व्यवस्थाएं संभाली । बेरवा समाज के महापौर मुकेश टटवाल व बेरवा समाज के पूर्व महापौर मदनलाल ललावत बेरवा समाज के वरिष्ठ सुनील गोठवाल सहित आदि लोगों ने फूलडोल चल समारोह में हिस्सा लिया । वही बेरवा नवयुवक स्नेह परिषद, किशनपुरा द्वारा मंच बनाकर अखाड़ों के खलीफाओं का सम्मान किया गया । व प्रथम द्वितीय झांकियों, अखाड़ों को प्रोत्साहित किया गया । वही झांकियों का कारवां शाम 7:00 बजे से शुरू हुआ जो शहर के टावर चौक, चामुंडा माता चौराहा, देवास गेट, मालीपुरा, नई सड़क, गोपाल मंदिर मार्ग, अब्दाल पुरा, लालबाई फूलबाई मार्ग से होता हुआ अंकपात सोलह सागर पहुंचा । यहां पर पूजन के बाद महाआरती कर चल समारोह का समापन किया गया ।