एमपीआरडीसी ने इस निर्माण कार्य मैं रोड की मरम्मत के लिए 8.50 करोड़ मंजूर किए गए थे। जिसमे क्षतिग्रस्त स्पॉट सुधारने के साथ सुरक्षा के संकेतक भी बढ़ाए जाना थे। दरअसल उज्जैन-इंदौर फोरलेन के संचालन-संधारण और टोल वसूली के लिए एंजेसी बदलने के बाद एमपीआरडीसी ने अब सड़क की मरम्मत के लिए 8.50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। सड़क की मरम्मत के साथ-साथ अन्य कार्य किए जा रहे है।
एमपीआरडीसी इंदौर के महाप्रबंधक राकेश जैन ने बताया कि सड़क मरम्मत के लिए एमपीआरडीसी ने 8.50 करोड़ की धनराशि मंजूर कर दी है। प्रधानमंत्री के उज्जैन विजिट को देखते हुए फोरलेन पर उज्जैन सांवेर और इंदौर साइड से तीन जगह पर डामरीकरण शुरू किया गया है। अभी तक करीब 4 किलोमीटर का डामरीकरण कर लिया गया है। फोरलेन पर पेड़ पौधों की छटाई की जा रही है। खदानों मैं पानी भरा होने और डामर प्लांट अभी शुरू नहीं होने से डामरीकरण की गति कम है मगर इसमें तेजी लाई जा रही है। श्री जैन ने बताया की सड़क मरम्मत और अन्य कार्यों का ठेका के जी गुप्ता इंदौर को हुआ है। रोड के क्षतिग्रस्त हिस्से को सुधारने के साथ कंपनी को सड़क सुरक्षा के काम भी करने होंगे। अभी एजेंसी को खस्ताहाल मार्ग की मार्किंग के निर्देश दिए हैं।
उज्जैन-इंदौर फोरलेन को बने लंबा अरसा हो गया है। बार-बार मरम्मत के चलते सरफेस खराब हो गया है। तकरीबन 50 किलोमीटर इस सड़क पर मरम्मत न करने और बैंक में लोन का पैसा समय पर जमा न करने के लिए टोल एजेंसी को सस्पेंड किया गया था। लगभग सात महीने बाद विभाग ने यहां पर नई एजेंसी टोल वसूलने के लिए नियुक्त कर दी है, जिसने 5 सितंबर से टोल वसूली भी शुरू की है और सड़क मरम्मत के लिए किसी दूसरी एजेंसी को खस्ताहाल मार्ग की मार्किंग के निर्देश भी दिए हैं। तकरीबन 26 किलोमीटर मार्ग पर मरम्मत की दरकार है। इस स्थान को चिन्हित कर मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। जल्दी है इंदौर-उज्जैन रोड की सूरत ही बदल जाएंगी।