ग्रहण के मोक्ष के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु मोक्षदायिनी माँ क्षिप्रा के तट पर स्नान करने पहुंचे जैसे ही ग्रहण समाप्त हुआ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और दीपदान किया कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि मंगलवार को सूर्य ग्रहण के कारण सुबह से ही मंदिरों में प्रवेश बंद रहा महाकाल मंदिर में ग्रहण के बाद शुद्धीकरण हुआ शाम 4 बजे से ही मंदिरों के पट बंद हुए जो बुधवार सुबह 5 बजे खुलें ग्रहण लगने के पहले सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है। वहीं, उज्जैन में ग्रहण का स्पर्श मंगलवार शाम 4 बजकर 41 मिनट पर रहा। ग्रहण का समय 5 बजकर 38 मिनट और ग्रहण का मोक्ष 5 बजकर 53 मिनट पर हुआ ग्रहण का प्रभाव 1 घंटा 12 मिनट का रहा |