पूर्व पार्षद गुड्डू कलीम ने हरी फाटक ब्रिज के पास करोड़ों रुपए मूल्य की सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध गुमटीओ का बाजार बना दिया था। कलेक्टर आशीष सिंह ने इसकी जानकारी मिलने पर एंटी माफिया अभियान चलाकर इस बेशकीमती जमीन को माफिया के चंगुल से मुक्त करवाया था। विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने इस बेशकीमती जमीन के महत्व को समझते हुए यहां पर मेघदूत वन सहित अन्य सुविधाओं को विकसित करने का प्रस्ताव सरकार को दिया था। इस प्रस्ताव के तहत अब इस जमीन पर स्मार्ट सिटी द्वारा महाकाल लोक फेस टू प्रोजेक्ट के अंतर्गत मेघदूत वन के नाम से अर्बन फॉरेस्ट विकसित किया जा रहा है। जापानी मियावाकी पद्धति से बनने वाले इस अर्बन फॉरेस्ट में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाकर इस जमीन को संरक्षित किया जाएगा। साथ ही इस जमीन पर महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए फैसिलिटी सेंटर और अन्य सुविधाएं सहित पार्किंग भी विकसित की जा रही है। मंगलवार को उज्जैन आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और अन्य जनप्रतिनिधियो ने इस जमीन का निरीक्षण किया। कलेक्टर आशीष सिंह और स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री नीरज पांडे ने जनप्रतिनिधियों को इस जमीन और प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी दी।

इस अभियान की सफलता से खुश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 11 करोड़ 36 लाख की लागत से बनने वाले मेघदूत वन की शुरुआत भूमिपूजन कर की। मुख्यमंत्री ने इस काम की तारीफ करते हुए कहा कि एंटी माफिया अभियान में सभी सरकारी कर्मचारी अधिकारी लग जाएं और किसी भी प्रकार के माफिया को छोड़े नहीं। साथ ही उनकी संपत्तियों पर भी कार्रवाई करें।

इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए अधीक्षण यंत्री स्मार्ट सिटी नीरज पांडे ने बताया कि जापान की मियावकी पद्धति से इस वन का निर्माण किया जाएगा। क्योंकि यह जमीन शिप्रा नदी के किनारे हैं इस कारण से प्राकृतिक इकोसिस्टम को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। साथ ही इसमें पार्किंग सहित फैसिलिटी दी जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने पर सुविधाएं मिल सकें।

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