नगरीय निकाय की बिल्डिंग परमिशन और फायर एनओसी की जटिल प्रक्रिया से परेशान निजी हॉस्पिटल और आईएमए से जुड़े डॉक्टर 14 नवम्बर से हड़ताल पर जा रहे है। इस प्रक्रिया के तहत हाल ही मैं रतलाम के निजी अस्पतालों के सभी रजिस्ट्रेशन रद्द किए है। तीन माह पूर्व जबलपुर में आग की जांच के बाद प्रदेश सरकार ने सभी प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम के संचालकों को भवन अनुज्ञा प्राप्त करने और फायर की एनओसी लेने के निर्देश दिए है। वही सरकार ने नियमों को भी जटिल कर दिए हैं इसी को लेकर प्रदेश के आईएमए के अध्यक्ष ने 14 तारीक से अनिश्चित कालीन हड़ताल करने की बात कही है।

दरअसल आईएमए और नर्सिंग होम के सभी सदस्य सरकार की नई शर्तो और रिनिवल की नीतियों को लेकर परेशान दिखाई दे रहे है। वर्तमान नीतियों में भवन निर्माण अनुज्ञा भवन पूर्णता का सर्टिफिकेट, फायर एनओसी आवासीय व्यवसाय परमिशन, इसका जवाब देना होगा हर अस्पताल को यदि इनमें से कोई जवाब नहीं मिलता ही तो अस्पताल को बंद कर दिया जाएगा। आई एम ए की मांग है कि फायर एनओसी को बिल्डिंग परमिशन में अलग रखा जाए। एवं सारे अस्पतालों को सर्टिफिकेट जारी करें। वर्तमान में जो शर्ते रखी गई है उसमे बिल्डिन की परमिशन फायर की परमिशन नहीं हो पा रही है। पूरे प्रदेश के कई अस्पताल पुराने निर्माण से बने है वर्तमान में परमिशन नहीं मिल पा रही है। इसी के विरोध में ऊज्जैन में आईएमए के सदस्यों बैठक आयोजित कर 14 तारीख से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। शहर के अस्पताल और नर्सिंग होम बंद होने पर लोगों को सरकारी अस्पताल में जाना पड़ेगा क्योंकि सरकार की वर्तमान नीतियों से परेशान होकर सभी अस्पताल 14 नवम्बर से बंद हो जाएंगे। आईएमए के अध्यक्ष विकास अग्रवाल ने बताया कि सरकार के वर्तमान नीति बड़ी जटिल है जिसमें फायर और बिल्डिंग की परमिशन नहीं हो पा रही है जिसके कारण सभी अस्पताल और नर्सिंग होम अवैध हो जाएगी इसलिए सभी निर्णय लिया है कि 14 तारीख से हड़ताल की जाए हड़ताल से जिले के करीब 10 लाख लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *