उज्जैन-इंदौर फोरलेन के संचालन-संधारण और टोल वसूली के लिए एंजेसी बदलने के बाद एमपीआरडीसी ने अब सड़क की मरम्मत के लिए 8.50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। सड़क की मरम्मत के साथ-साथ अन्य कार्य जल्द ही प्रारंभ होने वाले है। एमपीआरडीसी द्वारा उज्जैन-इंदौर फोरलेन को महाकाल टोल वे प्राइवेट लिमिटेड को ठेके पर दिया गया था, लेकिन शर्तों का पालन नहीं होने पर एमपीआरडीसी ने पेनल्टी लगाते हुए कुछ समय पहले ठेका निरस्त कर टोल वसूली का काम अपने हाथों में ले लिया था।10 दिन पूर्व संचालन संधारण का काम नई एजेंसी मेसर्स सत्यनारायण एंड कंपनी को दिया गया है। शर्तों के अनुसार एमपीआरडीसी सड़क को व्यवस्थित कर नई एजेंसी को सौंपेगी। हालांकी एजेंसी ने टोल वसूली का काम प्रारंभ कर दिया है।
एमपीआरडीसी इंदौर के महाप्रबंधक राकेश जैन ने बताया कि सड़क मरम्मत के लिए एमपीआरडीसी ने 8.50 करोड़ की धनराशि मंजूर कर दी है। फोरलेन प्रोजेक्ट लेने वाली महाकाल टोल वे कंपनी के अधूरा काम छोड़ जाने के बाद अब तक एमपीआरडीसी खुद यह काम करा रही थी। श्री जैन ने बताया की सड़क मरम्मत और अन्य कार्यों का ठेगा के जी गुप्ता इंदौर को हुआ है। रोड के क्षतिग्रस्त हिस्से को सुधारने के साथ कंपनी को सड़क सुरक्षा के काम भी करने होंगे। अभी एजेंसी को खस्ताहाल मार्ग की मार्किंग के निर्देश दिए हैं। बारिश खुलते ही यहां पर डामर की लेयर चढ़ाई जाएगी।उज्जैन-इंदौर फोरलेन को बने लंबा अरसा हो गया है। बार-बार मरम्मत के चलते सरफेस खराब हो गया है। तकरीबन 50 किलोमीटर इस सड़क पर मरम्मत न करने और बैंक में लोन का पैसा समय पर जमा एजेंसी नही कर रही थी।