उज्जैन शहर के थाना जीवाजीगंज क्षेत्र के चंद का कुआ समीप एक कबाड़ की दुकान में सरकारी स्कूल की किताबे
मिलने के बाद कबाड़ की दुकान पर हंगामा मच गया। बोरों में पैक कर रखी गई किताबों को देखा तो हर कोई हैरान था। दरअसल किताबें जारी सत्र 2022-23 की थी। किताबें सहित स्कूलों के सरकारी रिकॉर्ड और बच्चो को सिखाने वाला कैलंडरों और आंगनवाड़ी के दस्तावेज को भी कबाड़ में बेच दिया गया। पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी आनन्द शर्मा ने कबाड़ की दुकान सील कर कॉपी किताबों को जब्ती में लिया है।
मासूम छात्रों की हक़ की किताबं और शासन की योजनाओं को शिक्षक किस तरह पलीता लगा रहा है इसका एक बड़ा उदाहरण मंगलवार उस समय देखने को मिला जिसमे कबाड़ की दुकान से लाखों रुपए की किताबें मिली वो भी जारी सत्र की 2022 -23 की है। दरअसल शहर में पार्षद रजत मेहता और गब्बर भाटी को सूचना मिली थी कि कबाड़ की दुकान में किताबों का जखीरा आया है। जो इसी सत्र का है, और कबाड़ी शाकिर हुसैन द्वारा लाखों रु की किताबों को 6000 में खरीदा गया है, जिसको गंभीरता से लेते हुए मौके पर पहुंचे पार्षदों ने देखा तो हजारों किताबे रद्दी में मिली। कबाड़ी ने बताया की उसने महिदपुर के एक शिक्षक से खरीदी है।