प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कालिदास संस्कृत अकादमी के पं.सूर्यनारायण व्यास संकुल सभागृह में महाकाल मन्दिर विस्तारीकरण योजना के प्रथम चरण के अन्तर्गत महाकाल लोक की लोकार्पण आयोजक समिति की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान मंच पर सन्तजन माधव रंगनाथाचार्यजी महाराज, महन्त रामेश्वरदास, बालयोगी उमेशनाथजी महाराज, महन्त शान्तिस्वरूपानंदजी महाराज, आचार्य शेखरजी महाराज, महाकालेश्वर मन्दिर के मुख्य पुजारी पं.घनश्याम गुरू, महन्त विनीत गिरीजी, माखनसिंह, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक बहादुरसिंह चौहान, बहादुरसिंह बोरमुंडला, इकबालसिंह गांधी, विशाल राजौरिया, इस्कॉन मन्दिर के प्रतिनिधि कलेक्टर आशीष सिंह और अन्य गणमान्य नागरिक तथा प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में कहा कि हम सबके लिये अत्यन्त गौरव और प्रसन्नता के क्षण हैं। आज महाकाल लोक के लोकार्पण की आयोजन समिति की पहली बैठक हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें सिंहस्थ का समय याद आ रहा है। उस समय यह विचार हुआ था कि भगवान महाकाल की हम सब पर कृपा सदैव बरसती है। उस समय उज्जैन में कई विकास के कार्य हुए थे। मन्दिर के दर्शन के बाद ऐसी रचना की आवश्यकता थी, जिसमें शिवलोक के दर्शन हो सकें। महाकाल महाराज परिसर को विस्तारित होना चाहिये। इसकी रूपरेखा वर्ष 2020 में आयोजित बैठक में बनाई गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में महाकाल मन्दिर परिसर विस्तार योजना के तहत विकास कार्य दो चरणों में किये जाने पर विचार-विमर्श किया गया। दूसरे चरण में लगभग 310 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विकास के कार्य होंगे। दोनों चरणों को मिलाकर 800 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य और सौंदर्यीकरण कार्य किये जायेंगे। प्रथम चरण में विस्तार के पश्चात जो रचना हुई है। वह आम जनता के देखे जाने के लिये उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इसका लोकार्पण देश के प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना प्रस्तावित किया गया।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि लोकार्पण समारोह को भव्यता प्रदान करने के लिये दशहरे पर भगवान महाकालेश्वर की सवारी को भव्य रूप प्रदान किया जायेगा। उज्जैन के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में देवस्थानों पर विद्युत सज्जा की जायेगी। विभिन्न स्थानों पर सुन्दरकाण्ड और भजन का आयोजन किया जायेगा। भगवान महाकालेश्वर के प्राकट्य पर आधारित नाट्य होगा। पूरे शहर में अलग-अलग स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजि किये जायेंगे। सन्तों का समागम होगा। 10 और 11 अक्टूबर को रूद्राभिषेक और अन्य धार्मिक आयोजन तथा अनुष्ठान किये जायेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *