क्षिप्रा नदी की स्वच्छता एवं पवित्रता को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही आने वाले दिनो मे शहर का कोई भी नाला क्षिप्रा में नहीं मिलेगा। निगम द्वारा संचालित सीवेज पंपिंग स्टेशनों को शीघ्र प्रारंभ किए जाने हेतु महापौर मुकेश टटवाल ने निगम आयुक्त श्री रोशन कुमार सिंह, एमआईसी सदस्यों, एवं पीएचई के अधिकारीयों के साथ समस्त पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश साथ ही राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के बारे में जानकारी ली गई। निरीक्षण के दौरान एमआईसी सदस्य जलकार्य एवं सिवरेज प्रभारी शिवेन्द्र तिवारी, रजत मेहता, डॉ. योगेश्वरी राठौर, दुर्गाशक्ति सिंह चौधरी के साथ ही पीएचई से कार्यपालन यंत्री राजीव शुक्ला, सहायक यंत्री राजीव गायकवाड़ भी उपस्थित थे। क्षिप्रा शुद्धिकरण योजना का उद्देश्य शहर के गंदे नालों के पानी को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकना है। राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना अन्तर्गत संधारण और संचालन हेतु उज्जैन नगर पालिक निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। तभी से इन पंप हाऊस का संचालन किया जा रहा है। शहर के अंतर्गत कुल 9 पंप हाऊस पाइपलाइन नेटवर्क संचालित है। जबकि वीर दुर्गादास छत्री सीवेज पंप हाउस पूर्व से ही नगर निगम द्वारा संचालित किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत शहर के प्रमुख नालो को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए इंटरसेप्शन चेंबर अर्थन डैम के माध्यम से रोक कर पाइपलाइन के माध्यम से सीवरेज पानी को नजदीकी पंप हाउस के समीप में लाया गया है तथा उसे पंपिंग कर सदावल ट्रीटमेंट प्लांट पर भेजा जाता है। सदावल ट्रीटमेंट प्लांट पर कुल 7 सीवरेज पंप हाउस का पानी पहुंचता है जहां से उसे निर्धारित मानकों पर ट्रीटमेंट पश्चात् किसानों द्वारा खेती के लिए एवं मछली पालन में उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में शहर में लगभग 150 एमएलडी जल प्रदाय प्रतिदिन किया जा रहा है जिसका लगभग 75 प्रतिशत पानी 93 एमएलडी वापस सीवेज के रूप में नालों के माध्यम से प्राप्त होता है जिसे लगातार ट्रीट किया जा रहा है शहर का विस्तार होने एवं नदी किनारे नवीन कॉलोनी आदि के बन जाने के कारण कुछ स्थानों पर शिप्रा नदी में सीवेज के पानी के मिलने के नवीन स्थल बन गए हैं जैसे अवंती हॉस्पिटल, इंदौर रोड़, लाल पुल, नृसिंहघाट, ऋण मुक्तेश्वर आदि स्थान पर अर्थन डैम चेंबर आदि बनाकर एवं मोटर पंप सेट लगाकर शिप्रा नदी में मिलने से रोका जा रहा है। इसी क्रम में महापौर द्वारा मेयर इन काउंसिल के सदस्यों के साथ पंपिंग स्टेशनों के नालो का निरीक्षण किया गया जिसमें हनुमान नाका, मंछामन, लालपुल, गणगौर दरवाजा, जूना सोमवारीया, वीर दुर्गादास की छतरी, आयुर्वेदिक औषधालय के पीछे बने पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया जाकर पीएचई के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बंद पड़े पंप हाऊस को शीघ्र चालू किया जाए जिससे शिप्रा में मिल रहे नालो के पानी को रोका जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *