इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने वर्चुअल मीटिंग में डिजाइन की लॉन्चिंग की। खास बात यह है कि मस्जिद में गुम्बद नहीं होगा। वहीं, इसका नाम किसी बादशाह के नाम पर नहीं रखा जाएगा। कैंपस में म्यूजियम, लाइब्रेरी और एक कम्युनिटी किचन भी बनेगा। 200 से 300 बेड का एक हॉस्पिटल भी यहां रहेगा।

फाउंडेशन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अगर समय पर नक्शा पास हो जाता है, तो 26 जनवरी से मस्जिद निर्माण शुरू होगा। प्रोसेस में देरी होने पर 15 अगस्त को निर्माण की शुरुआत होगी। पूरा प्रोजेक्ट दो साल में तैयार होने की उम्मीद है। इसके लिए बजट की कोई लिमिट तय नहीं की गई है।

100 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा अस्पताल

फाउंडेशन की मीटिंग में तय हुआ कि साइट पर सबसे पहले सॉइल टेस्टिंग कराई जाएगी। इसके बाद मस्जिद का नक्शा पास कराया जाएगा। इस प्रोसेस के बाद ही निर्माण शुरू होगा। मस्जिद, हॉस्पिटल, म्यूजियम सबकी नींव एक साथ रखी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि यहां बनने वाले हॉस्पिटल पर करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है।

एक साथ 2 हजार लोग पढ़ सकेंगे नमाज

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के वास्तु विभाग के डीन और मस्जिद की डिजाइन तैयार करने वाले एमएस अख्तर ने कहा- मस्जिद 3500 स्क्वायर मीटर में बनेगी। यहां एक साथ 2 हजार लोग नमाज पढ़ सकेंगे। मस्जिद को दो फ्लोर का बनाया जाएगा। इसमें महिलाओं के लिए अलग स्पेस होगा। इमारत ईको-फ्रेंडली होगी और इसमें सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा। हॉस्पिटल को 24 हजार 150 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा। मस्जिद 6 महीने में बन सकती है और हॉस्पिटल बनने में सालभर लग सकता है।

किसी बादशाह के नाम पर नहीं होगी मस्जिद

फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद निर्माण नक्शा पास होने के बाद शुरू होगा। अप्रूवल मिला, तो 26 जनवरी को शुरुआत करेंगे। इसके लिए कोई बड़ा फंक्शन नहीं किया जाएगा। अगली तारीख 15 अगस्त होगी। यानी 26 जनवरी या 15 अगस्त से मस्जिद निर्माण की शुरुआत होगी। मस्जिद का नाम किसी बादशाह या राजा के नाम पर नहीं रखा जाएगा।

चार फ्लोर का चैरिटी अस्पताल होगा

ट्रस्ट के मुताबिक, सिर्फ हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। हॉस्पिटल 4 फ्लोर का होगा और इसमें कम से कम 200 बेड होंगे। यह चैरिटी मॉडल पर काम करेगा। अभी इसके लिए क्राउड फंडिंग (चंदा जुटाना) शुरू नहीं की गई है। हालांकि, मस्जिद के बैंक अकाउंट का ब्योरा सार्वजनिक किया जा चुका है। लोग इसके जरिए मदद कर सकते हैं।

यूपी के सीएम योगी को न्योता नहीं दिया जाएगा

वर्चुअल मीटिंग में यह भी तय हुआ कि निर्माण की शुरुआत में सीएम योगी आदित्यनाथ को नहीं बुलाया जाएगा। जब नई सुविधाएं शुरू करेंगे, तो सूबे के सीएम और आम लोगों को भी बुलाया जाएगा।

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