गुरुवार काे दिनभर बादल छाए रहने के बाद रात में बादलों का जमघट लग गया और कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। शुक्रवार सुबह भी हल्की बारिश ने कई इलाकों को भिगो दिया। हालांकि इसके बाद भी रात में गर्मी का एहसास हुआ, लेकिन दिन में बारिश के कारण अधिकतम पारा करीब 9 डिग्री लुढ़क गया। गुरुवार को बादलों की वजह से तापमान 29 डिग्री रिकाॅर्ड किया गया था, जो सामान्य से 2 डिग्री अधिक है। वहीं, न्यूनतम तापमान 16 डिग्री से बढ़कर 16.8 तक पहुंच गया था, जो सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा है। वहीं, नमी 70 फीसदी आंकी गई थी। दिनभर चली ठंडी हवा के साथ 8 मिमी बारिश हाेने से दिन का पारा गिरकर 19.4 पर पहुंच गया।

मौसम विभाग के अनुसार अभी अरब सागर में सिस्टम बनने की वजह से बादल छा रहे हैं। वहीं, 12 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो जाएगा। इस कारण कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। दिन के तापमान में गिरावट आएगी। शुक्रवार से रविवार तक बादल छाए रहेंगे। धूप भी बमुश्किल निकलेगी। 16 दिसंबर के बाद आसमान साफ होगा, तो ठंड बढ़ना शुरू होगी।

शुरुआती 10 दिन में से 7 दिन तापमान सामान्य से ज्यादा

दिसंबर के इन 10 दिनों की बात करें, तो अधिकतम और न्यूनतम तापमान सात दिन सामान्य से ज्यादा रहा। एक दिन सामान्य से कम और दो दिन सामान्य रहा। 2 दिसंबर की रात इस सीजन का न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री रिकाॅर्ड हुआ था। यह सामान्य से 1 डिग्री कम था। इसके बाद 3 दिसंबर की रात पारा 12.6 डिग्री तक गया जो सामान्य था। इसके बाद पारा 13 से 17 डिग्री के बीच ही रिकाॅर्ड किया, जो सामान्य से ज्यादा है।

किसान ऐसे बचाएं मावठे से अपनी फसल

उद्यानिकी विभाग के उप संचालक टीसी वास्केल ने बताया कि किसान खेतों में पानी की निकासी के लिए नाली बनाएं, जिससे बारिश का पानी खेत से निकला जा सके। बारिश के बाद थायो यूरिया की 500 ग्राम मात्रा का एक हजार लीटर में घोल बनाकर 15-15 दिनों के अंतराल में छिड़काव करें। 8 से 10 किग्रा सल्फर पावडर का प्रति एकड़ बुरकाव करें। घुलनशील सल्फर तीन लीटर पानी में घोल पानी में छिड़काव करें, जिससे पाले से फसलों को बचाया जा सके। रात में विशेषकर तीसरे और चौथे पहर में खेत की मेड़ों पर कचरा और खरपतवार जलाकर धुआं करें, जिससे धुएं की परत फसलों पर आए। ऐसा करने से तापमान के असर को नियंत्रित कर फसलों को बारिश और पाले से सुरक्षित रखा जा सकता है।

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