उज्जैन की सुयश संस्था उन गरीब बच्चों को फ्री कोचिंग पढ़ा रही है, जिनके पास स्कूल जाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। इस परोपकार में ना सिर्फ उज्जैन के बल्कि, अमेरिका, फ्रांस और दुबई के लोग भी मदद कर रहे हैं। रोजाना रात 7 से 8 बजे तक सुयश सेवा संस्था के लोग अलग-अलग कॉलोनियों में गरीब बच्चों के पास पहुंच जाते हैं। उन्हें किताबों और लैपटॉप से भी स्मार्ट क्लास की तरह निशुल्क पढ़ाया जा रहा है।
उज्जैन की मोती बाग, रेती घाट और काला पत्थर जैसे निचले इलाकों की कॉलोनियों के बच्चे लगातार स्कूल नहीं जा पाते हैं। उनके माता- पिता मजदूरी करने जाते हैं, ऐसे में बड़ी संख्या में बच्चों का भविष्य खराब होने के डर से शहर की सुयश सेवा संस्था ने सभी बच्चों को फ्री में कोचिंग देने का मन बनाया। इसके बाद पहली बार 2016 में इसकी शुरुआत की गई।
सुयश सेवा संस्था के सचिव देवेंद्र पांचाल ने बताया कि शहर में कई संस्था अलग-अलग तरह से मानव सेवा भाव में जुटी हुई हैं। इसलिए हमने सोचा कि उन गरीब बच्चों के लिए स्कूल तो हैं, लेकिन स्कूल के बाद उन्हें कोचिंग नहीं मिल पाने की वजह से बच्चे पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं। इसलिए हमने शहर की तीन कॉलोनियों को चिन्हित कर बच्चों को निशुल्क कोचिंग देना शुरू की।
फिलहाल मोती बाग, रेती घाट और काला पत्थर में पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को रोजाना एक घंटे शाम को 7 से 8 बजे तक कोचिंग दी जा रही है। बच्चों को पढ़ाने में देवेंद्र पांचाल, पद्मावती पांचाल सहित एक अन्य शिक्षिका भी शामिल हैं, जो रोजाना बच्चों को पढ़ाने उनकी कॉलोनी में जाती है। रोजाना 20 से 25 बच्चे कोचिंग लेकर अपना भविष्य बना रहे हैं। खास बात ये है कि इन बच्चों के लिए संस्था ने एक लैपटॉप भी खरीदा है, ताकि जब तक स्मार्ट क्लास का इंतजाम न हो लैपटॉप से बच्चों को पढ़ाया जाए।
बुजुर्गों को फ्री खाना और राशन भी दे रहे
पांचाल ने बताया कि सुयश सेवा संस्था ना सिर्फ बच्चों का, बल्कि उन बुजुर्गों का भी ध्यान रख रही है, जिनका दुनिया में कोई नहीं है। ऐसे बुजुर्ग जो थोड़ा बहुत काम कर सकते हैं, उनके लिए सूखा राशन प्रति माह दिया जा रहा है। कुछ ऐसे भी बुजुर्ग दंपती हैं, जिन्हें उनके बेटे और बेटियों ने छोड़ रखा है या वे अकेले हो गए हैं। 15 ऐसे लोगों के लिए संस्था द्वारा रोजाना खाना बनाकर उनके घर भेजा जा रहा है। इसके लिए संस्था ने दो बाई खाना बनाने के लिए रखी हुई हैं। पांच बुजुर्गों को प्रति माह राशन पहुंचाया जा रहा है।
शहर के 54 वार्ड में निशुल्क कोचिंग देने की तैयारी
संस्था के सदस्य दिवाली होली सहित अन्य त्योहार बच्चों के साथ मनाते हैं। वे लोगो से आग्रह करते हैं कि आप भी अपना जन्मदिन इन बच्चों के साथ मनाएं। साथ ही बच्चों के लिए ज्यादा नहीं तो सिर्फ 10 रुपए प्रतिदिन भी दे सकते हैं। संस्था ऐसी कोचिंग हर वार्ड में खोलना चाहती है, इसके लिए नगर निगम एक घंटे के लिए कहीं जगह उपलब्ध करवा दे या फिर अन्य कोई मदद कर दे तो ये इस अभियान से कई बच्चे लाभान्वित होंगे।