उज्जैन में निरंजनी अखाड़े से निष्कासित पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी गिरफ्तार हो गई है। मंदाकिनी के अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही चिमनगंज मंडी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। धोखाधड़ी के आरोप लगने के बाद उन्होंने सुसाइड का प्रयास किया था। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पूछताछ और जांच के बाद पुलिस मंदाकिनी को कोर्ट में पेश करेगी।
जयपुर के एक महामंडलेश्वर को आचार्य महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर मंदाकिनी पुरी ने उनसे किश्तों में 8.92 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए थे। इस मामले में मंदाकिनी पुरी और उनके एक सहयोगी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।
कीटनाशक पीकर सुसाइड की कोशिश की
उपाधि दिलाने के लिए पैसे लेने का मामला सामने आने के बाद मंदाकिनी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने 7 मई की सुबह 11 बजे कीटनाशक पी लिया। मंदाकिनी जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थीं। अस्पताल में वे किसी को पहचान नहीं पा रही थीं। इस कारण पुलिस ने उनके बयान नहीं ले सकी थी। अब अस्पताल से छुट्टी मिलते ही पुलिस मंदाकिनी को अपने साथ ले गई है।
महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर ठगी
निरंजनी अखाड़े के संत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने 6 मई की रात उज्जैन के चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था- महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने की बात कही थी। इसके एवज में 15 अप्रैल 2024 को मंदाकिनी को साढ़े सात लाख रुपए दिए थे। अखाड़ा मुख्यालय में संपर्क किया तो बताया गया कि रुपए लेकर उपाधि नहीं दी जाती। इसके बाद मैंने रकम वापस मांगी। मंदाकिनी ने रुपए देने से मना कर दिया।
मामले में दैनिक भास्कर के हाथ एक ऑडियो भी लगा था, जिसमें मंदाकिनी रुपए वापस देने की बात कर रही थी।
जयपुर के संत ने भी कराई थी मंदाकिनी पर FIR
10 मई को जयपुर के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने महाकाल थाने में शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप था कि मंदाकिनी ने आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 8 लाख 90 हजार रुपए लिए थे। ये राशि उन्होंने पिछले सात महीने में अलग-अलग किश्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर की थी।
महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने बताया, मंदाकिनी ने कहा था कि अखाड़े में प्रमोशन हो जाएगा, लेकिन 10 से 12 लाख रुपए लगेंगे। मैंने कहा कि मैं निजी स्कूल के शिक्षक से संत बना। मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब पैसे आते जाएं, भेजते रहना। मैंने पिछले 7 महीने में 8 लाख 92 हजार रुपए मंदाकिनी के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए।
मंदाकिनी पर धोखाधड़ी के मामले में दूसरी FIR महाकाल थाने में दर्ज की गई थी।
मंदाकिनी के खिलाफ हो सकती है एक और FIR
जयपुर निवासी संदीप शर्मा जोठवाड़ा इंडस्ट्रीज इलाके में हर्बल मैन्युफैक्चरिंग का काम करते हैं। संदीप ने बताया कि जयपुर में ही एक साल पहले महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर महाराज से मुलाकात के दौरान साध्वी मंदाकिनी मिली थीं। मंदाकिनी मेरी फैक्ट्री भी देखने आईं। तब उन्होंने कहा, ‘मैं भी गौमाता की सेवा करने के लिए हर्बल जूस बेचना चाहती हूं। कच्चा माल आपकी फैक्ट्री से लूंगी।’ मैंने हां कर दी। इसके बाद 2-2 लीटर जूस के 500 पैकेट उनके परिचित के पास हरिद्वार भिजवा दिए। पूरा माल करीब 2 लाख रुपए का था।
संदीप ने बताया कि कुछ समय बाद जब भुगतान मांगा तो उन्होंने कहा- बाद में देती हूं। कई बार मांगने पर भी पैसे नहीं दिए। करीब एक साल बाद सभी जूस वापस कर दिए। खराब होने के कारण वह माल किसी काम का नहीं रहा। उसे फेंकना पड़ा। मंदाकिनी पर इस मामले में भी एफआईआर हो सकती है।
शाह और नड्डा के नाम का भी दे चुकी झांसा
मंदाकिनी पर एफआईआर के बाद दूसरे लोग भी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। महामंडलेश्वर सुमन भाई ने कहा है कि मंदाकिनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से करीबी संबंधों का हवाला देकर ठगी के जाल में फंसाने की कोशिश की थी। शाह से बोलकर राज्यपाल बनाने का लालच दिया था। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का करीबी बताकर एक अन्य महिला साध्वी को गो संवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष बनाने का झांसा भी दिया था।