नगर निगम अधिकारियों द्वारा नियमों का हवाला देकर कई विकास कार्यों पर स्पीड ब्रेकर लगा हुआ है। वर्ष 2023-24 में निगम के 6 जाेन में 115 कार्यों को पुनर्निविदा की कार्यवाही में रखा गया है। इसका कहीं न कहीं कारण निगम की कंगाली भी है।

यह सभी कार्य वार्डों के बुनियादी विकास की श्रेणी में आते हैं। इनमें नाली निर्माण, सीसी रोड निर्माण, साधारण चैंबर और जाली लगाने जैसे कार्य आते हैं। इनमें से 50 से भी ज्यादा कार्यों के लिए 1 से ज्यादा बार टेंडर निकालने के लिए आवेदन दिए हैं और लगभग 19 कार्यों के लिए 5 से भी ज्यादा बार टेंडर निकालने का आवेदन दिया जा चुका है।

प्रत्येक वार्डों को बेहतर बनाने के लिए जरूरी कार्यों के टेंडर जारी करने की प्रकिया निगम द्वारा करवाई जाती है लेकिन इनमें से कई कार्यों को बजट की उपलब्धता या कोई न कोई कारण बताकर खारिज कर दिया जाता है। महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि मामले की शिकायत मिली है। मुझे भी जानकारी प्राप्त हुई है कि नियम और प्रक्रिया में कमी बताकर विकास कार्यों को अधिकारियों द्वारा रोका जा रहा है। मामले की प्रामाणिक जानकारी मांगी है। अगर ऐसे में कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाएगा तो उस पर अवश्य कार्यवाही होगी।

ठेकेदार टेंडर नहीं लेते इससे काम नहीं हो पा रहे

ठेकेदार टेंडर नहीं लेते, जिस कारण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहे। ठेकेदारों की मीटिंग ली थी। अगर कोई टेंडर नहीं लेता तो हमारे पास यही विकल्प रहता है कि छोटे-छोटे कार्यों को मिलाकर बड़े कार्यों में तब्दील कर उसे पूर्ण करवा लें। आशीष पाठक, निगम आयुक्त

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