प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 फरवरी को वर्चुअली उज्जैन जिले के 1819.549 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण करेंगे। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण भी करेंगे।
उज्जैन के जंतर – मंतर पर स्थापित विश्व की पहली वैदिक घड़ी का प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को लाल परेड ग्राउंड भोपाल में आयोजित कार्यक्रम से वर्चुअल जुड़कर उद्घाटन करेंगे। उज्जैन जिले के लगभग 1819.549 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण भी करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव उपस्थित रहेगे।प्रधानमंत्री मोदी विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का उद्घाटन और समस्त जिलों में साइबर तहसील का शुभारंभ भी करेंगे। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण जिला मुख्यालय, नगरीय निकाय के मुख्यालय तथा भूमि पूजन किए जा रहे कार्यों के कार्यस्थल पर किया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक स्थल पर कार्यक्रम को लाइव देखने एवं सुनने की व्यवस्था की जाएगी।
घडी में 12 ज्योतिर्लिंग को समाहित किया गया-
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है जिसे वैदिक काल गणना के समस्त घटकों को समवेत कर बनाया गया है। इस घड़ी में भारतीय पंचांग समाहित रहेगा। विक्रम सम्वत् मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्यौहार, चौघडि़या, सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण, आकाशस्थ, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों का परिभ्रमण इसमें स्वाभाविक रूप से समाहित होंगे। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी VST=1.25 Time Zone- Sunrise पर आधारित है जो कि वैदिक आधार है। इसका मापन डोंगला स्थित वेधशाला को आधार बनाकर किया गया है। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ग्राफिक्स में सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त आदि समाहित हैं।
डेढ़ करोड़ से अधिक का खर्च आया घडी के निर्माण में –
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी को बनाने में करीब डेढ़ करोड़ से अधिक का खर्च आया है।10×10 फ़ीट की वैदिक घड़ी लगाने के लिए उज्जैन में जीवाजी वेधशाला के पास 85 फीट ऊंचा टावर बनाया गया है। वैदिक घड़ी से जुड़ा मोबाइल ऐप भी लॉन्च होगा। वैदिक घड़ी के सभी फीचर इस एप में रहेंगे। उज्जैन में लगने वाली घड़ी में जो बदलाव होंगे, वो एप में भी शो होंगे। आप इसे मैन्युअल भी ऑपरेट कर सकेंगे। इसे आप प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे। एप को भी आरोह श्रीवास्तव डिजाइन कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसका नाम ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ रखा गया है। उज्जैन में वैदिक घड़ी लगाने के लिए टावर निर्माण का पूरा होने के बाद घडी को स्टॉल कर दिया गया है। देर रात तक एप से जोड़कर इसे कल शुरू कर दिया जायेगा। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली इसका लोकार्पण करेंगे। विक्रम शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि यह घड़ी दुनिया की पहली घड़ी होगी, जिसमें भारतीय काल गणना को दर्शाया जाएगा।