बाबा महाकालेश्वर की कार्तिक मास के सोमवार की चौथी व शाही सवारी बड़ी धूमधाम से निकाली गई बड़ी संख्या में बाबा की सवारी का भक्तों ने दर्शन लाभ लिया | प्रतिवर्ष अनुसार बाबा महाकालेश्वर की कार्तिक मास की सोमवार की शाही सवारी पारंपरिक रूप से निकाली गई पुजारी पंडित प्रदीप गुरु ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिवर्ष बाबा महाकालेश्वर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए रजत पालकी में सवार होकर निकलते हैं इस वर्ष भी बाबा महाकालेश्वर की परंपरिक रूप से कार्तिक की चौथी व अंतिम सवारी शाही सवारी के रूप में निकाली गई बाबा महाकालेश्वर प्रतिवर्ष सावन मास में दशहरे पर व कार्तिक मास में 5 बार रजत पालकी मैं सवार होकर निकलते हैं कार्तिक मास में चार सवारी सोमवार को निकाली जाती है और एक सवारी बैकुंठ चतुर्दशी पर निकाली जाती है उसी कड़ी में इस वर्ष भी बाबा महाकालेश्वर अपनी प्रजा का हाल जानने रजत पालकी में सवार होकर निकले हैं बाबा की सवारी महाकालेश्वर मंदिर शिप्रा नदी पर पूजन कर अपने निर्धारित मार्ग से होती हुई महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी महाकालेश्वर महाराज सवारी में अवंतिकापुरी का भ्रमण करते हैं और यह भ्रमण सिर्फ अवंतिकापुरी का नहीं पूरे विश्व का भ्रमण होता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा की सवारी के दर्शन का लाभ लेते हैं |