लंदन –  ब्रिटेन (UK) के कुछ हिस्सों में एक नए किस्म (स्ट्रेन) के ज्यादा घातक कोरोना वायरस ( New strain of the coronavirus) फैलने के बाद करीब 25 देशों ने यूके आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर विवेक मूर्ति ने कहा है कि ऐसा कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है जिससे यह सिद्ध हो सके कि यह नया और अधिक संक्रामक रूप ज्यादा घातक है. इसके बावजूद एक नया सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन इस नए वायरस के प्रति भी भी उतनी ही कारगर है या नहीं? यूरोपीयन यूनियन की European Medicines Agency (EMA) ने बयान जारी कर कहा है कि ऐसे कोई सबूत नहीं है कि नए वायरस के खिलाफ वैक्सीन काम नहीं करेगी, हालांकि जांच अभी जारी है.

इस नए वायरस के मामले ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया में भी सामने आए हैं जिसके बाद कई देशों ने एहतियातन अपनी सीमाएं ही बंद कर दीं हैं, इनमें सऊदी अरब और ओमान शामिल हैं. 13 यूरोपीय देशों फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फिनलैंड, रोमानिया, क्रोएशिया और नीदरलैंड्स ने UK से आने वाली फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया. भारत ने भी 31 दिसंबर तक ब्रिटेन की सभी फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है.

इसके अलावा तुर्की ने ब्रिटेन, डेनमार्क, साउथ अफ्रीका और नीदरलैंड्स से आने वाली फ्लाइट्स पर अस्थाई रोक लगा दी है. कनाडा, आयरलैंड, चिली जैसे कई अन्य देशों ने भी ब्रिटेन आने और जाने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगाई है. उधर जॉर्डन ने 3 जनवरी तक यूके की फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है. रूस ने भी मंगलवार से एक हफ्ते के लिए यूके की फ्लाइट्स रोकने का फैसला लिया है. पोलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग, इजराइल ने भी ब्रिटेन की यात्रा पर रोक लगा दी है जबकि ओमान ने सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है.

ब्रिटेन में इमरजेंसी के हालात

इस नए वायरस के बारे में खबर फैलते ही ब्रिटेन से निकलने के लिए लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर हजारों की भीड़ जमा हो गयी है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कई देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर गवर्नमेंट की कोबरा इमरजेंसी कमेटी के साथ बैठक की है. लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘ब्रिटेन में मौजूदा स्थिति पर विचार करते हुए भारत सरकार ने यह फैसला किया है कि ब्रिटेन से भारत के लिये रवाना होने वाली सभी उड़ानें 31 दिसंबर 2020 (रात 11 बजकर 59 मिनट) तक स्थगित रहेंगी.’ नागर विमानन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 22 दिसंबर को रात 11 बजकर 59 मिनट से ब्रिटेन से आने वाली वाली उड़ान सेवाएं अस्थायी तौर पर स्थगित रहेंगी, जिसके कारण इस अवधि में भारत से ब्रिटेन जाने वाली उड़ानें भी अस्थायी तौर पर स्थगित रहेंगी। इसमें कहा गया कि यह रोक 31 दिसंबर तक रहेगी.

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने भी दी चेतावनी
ब्रिटेन में श्रेणी-4 के सख्त लॉकडाउन को लागू किया गया है और सभी अनावश्यक यात्राओं व कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है. यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य राष्ट्रों की एक बैठक भी ब्रसेल्स में होनी है, जिसमें ज्यादा समन्वित प्रतिक्रिया पर चर्चा की जाएगी क्योंकि ब्रिटेन में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 35,928 रही, वहीं कोरोना वायरस के नए स्वरूप का प्रसार तेजी से हो रहा है और 326 और मरीजों की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर 67,401 हो गई. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, ‘सभी को, खास तौर पर श्रेणी-4 के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को संयम बरतने की जरूरत है क्योंकि वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं- यही एक मात्र तरीका है, जिससे हम इसे नियंत्रण में लाने जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि स्थिति “बेहद गंभीर” है और सरकार एक “बेकाबू” वायरस के नए स्वरूप को रोकने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, ‘यह एक जानलेवा बीमारी है, हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है और इस नए स्वरूप ने इस काम को और मुश्किल बना दिया है.’

70% ज्यादा संक्रामक है नया वायरस!
वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा. इंपीरियल कॉलेज लंदन के डॉ. एरिक वोल्ज कहते हैं, “यह बताना अभी वास्तव में काफी जल्दी होगा…लेकिन हमने अब तक जो देखा है उसके मुताबिक यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है, यह पहले वाले (वायरस के पूर्व स्वरूप) की तुलना में बेहद तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस पर नजर रखना महत्वपूर्ण है.’

नॉटिंघम विश्वविद्यालय में विषाणुविज्ञानी प्रोफेसर जोनाथन बाल कहते हैं, “सार्वजनिक रूप से अभी जो साक्ष्य उपलब्ध हैं वह इस बात के लिये कोई ठोस राय बनाने को लेकर अपर्याप्त हैं कि क्या इस विषाणु से वास्तव में प्रसार बढ़ा है.’ विपक्षी लेबर नेता सर कीर स्टार्मर ने बोरिस जॉनसन पर “घोर लापरवाही” का आरोप लगाते हुए कहा कि महामारी से निपटने के अपने तरीकों को लेकर प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लोग उनकी “अक्षमता” का नुकसान भुगत रहे है और जॉनसन के “अनिर्णय” और “कमजोर नेतृत्व” की वजह से “जान व नौकरियां जा रही हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *