भूमिगत सीवरेज प्रोजेक्ट में पाइप लाइन बिछाने वाली टाटा कंपनी ने शिप्रा नदी व तट पर काम तो पूरा कर दिया है लेकिन मिट्टी खुदाई व नदी में पाल बांधने के बाद उसे जहां है जैसी है, वैसी ही छोड़ दी गई है। इससे यह मिट्टी बहकर नदी में पहुंच रही है। रणजीत हनुमान मंदिर के सामने सड़क की खुदाई का काम इस उद्देश्य से किया था कि यहां पर भूमिगत सीवरेज लाइन डाली जाएगी। लाइन डालने के बाद अब तक सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं हो पाया है।

इससे लोगों को आवागमन में भी परेशानी आ रही है। वहीं शिप्रा नदी से भी मिट्टी नहीं निकाली गई। शिप्रा शुद्धि और शहर को खुले नाले-नालियों से मुक्त के लिए निगम ने 6 नवंबर 2017 को शहर में भूमिगत सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कराया था। सर्वे, पाइपलाइन डिजाइन की मंजूरी, कोर्ट में लगी जनहित याचिका और आम चुनाव की वजह से प्रोजेक्ट में देरी हुई। तय हुआ था कि कंपनी नवंबर-2019 तक शहर में 540 किमी लंबी पाइपलाइन का नेटवर्क बिछाएगी, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

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