देश में तेंदुओं की कुल संख्या 12852 हो गई है. इसमें से सबसे ज़्यादा 3421 तेंदुए मध्य प्रदेश में हैं.

भोपाल – टाइगर स्टेट (Tiger state) मध्य प्रदेश अब लेपर्ड स्टेट भी बन गया है. बाघों के बाद अब मध्य प्रदेश में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा तेंदुए हैं. टाइगर स्टेट एमपी में कुल 3421 तेंदुए हैं. जो देश में सबसे ज्यादा है.ये आंकड़े केंद्र सरकार ने जारी किए हैं.

केंद्र सरकार ने साल 2018 की तेंदुए की आबादी की रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में तेंदुओं की कुल संख्या 12852 हो गई है. इसमें से सबसे ज़्यादा 3421 तेंदुए मध्य प्रदेश में हैं. इस हिसाब से देश के एक चौथाई तेंदुए मध्य प्रदेश के जंगलों में मौजूद हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तेंदुए की आबादी पर रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में मध्य प्रदेश का नाम सबसे ज्यादा तेंदुए की संख्या वाले राज्य में शामिल है.

टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश
दरअसल 526 बाघों के साथ मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट का तमगा लिए हुए है. पिछली बार ये टैग उससे छिन गया था जब यहां बाघों की तेज़ी से मौत हुई. टाइगर स्टेट का दर्जा कर्नाटक के पास चला गया था. लेकिन मध्य प्रदेश ने बाघों के संरक्षण पर खास ध्यान दिया और उसका नतीजा आज सबके सामने है. एमपी फिर टाइगर स्टेट है. उसके बाद दूसरा नंबर कर्नाटक का है जहां 524 टाइगर है.तीसरे नंबर पर उत्तराखंड है. वहां 442 टाइगर हैं.

बाघों के साथ तेंदुए का कुनबा
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल है. लेकिन अब तेंदुए की संख्या से भी साफ है कि मध्य प्रदेश में वन्य प्राणी प्रबंधन बेहतर तरीके से काम कर रहा है. यही कारण है कि प्रदेश के जंगलों में बाघों के साथ अब तेंदुए की भरमार भी हो गई है. प्रदेश के नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व एरिया से लेकर अभयारण्य तक में तेंदुओं की जनसंख्या बढ़ी है. भोपाल के आसपास ही वनक्षेत्रों में बड़ी संख्या में तेंदुए हैं.

बड़े कुनबे को संभालें कैसे
टाइगर स्टेट के बाद तेंदुए की संख्या में पहले नंबर पर आने पर प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने अपने विभाग के अफसरों को बधाई दी है. वन विभाग के सामने अब ये समस्या हो गयी है कि बाघों और तेंदुए के इस बड़े कुनबे को संभालें कैसे. वन विभाग अब नए वन क्षेत्र की तरफ रुख करता नजर आ रहा है. राज्य सरकार ने नए वन क्षेत्र चिन्हित कर वहां बाघों और तेंदुए के पुनर्वास की तैयारी शुरू कर दी है.

नये प्लान पर काम

प्रदेश के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक जे एस चौहान ने कहा कि विभाग की चुनौती वन्य प्राणी प्रबंधन में बेहतर काम करने की है. जिस तेजी के साथ प्रदेश में बाघ और तेंदुए की संख्या बढ़ रही है उस लिहाज से क्षेत्र विकसित करने पर विभाग जोर दे रहा है. जल्द ही नए क्षेत्रों को चिन्हित कर नोटिफाइड किया जाएगा. कुछ प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जा रहे हैं ताकि बाघों के साथ तेंदुए की बढ़ती आबादी को भी बेहतर तरीके से सुरक्षित रखा जा सके.

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