19 मार्च को छत्रपति गणेश महाकाल मंडपम में होने जा रहे बाबा महाकाल के विवाह रिसेप्शन का महाकाल मंदिर प्रबंध समिति से कोई लेना देना नहीं है, यदि इस नगर भोज, रिसेप्शन के नाम पर कोई चंदा, पैसा मांगता है तो हम एफआईआर दर्ज कराएंगे। यह बात नगर भोज के संयोजक पुजारी रमण गुरू त्रिवेदी एवं महेंद्र कटियार ने संयुक्त रूप से कही।
महाशिवरात्रि के पश्चात शिव विवाह के बाद होने वाले रिसेप्शन का आयोजन पिछले 23 सालों से चल रहा है। इस बार भी ये आयोजन धूम धाम से होगा। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। आमंत्रण कार्ड भी छप कर आ गए है। लेकिन कुछ लोगो द्वारा इसके लिए चंदे लेने की बात सामने आते ही आयोजकों ने कहा कि इसमें कोई चंदा नहीं लिया जाता कोई, स्वेच्छा से कोई देना चाहे तो वह स्वतंत्र है। लेकिन इस नगर भोज के नाम पर किसी से चंदा नहीं लिया जाता यदि कोई चंदा लेता है तो हम उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। रमण गुरू ने बताया कि पिछले 23 साल से हो रहे इस नगर भोज में एक लाख से अधिक लोग महाप्रसादी लेते हैं। गरीब हो या अमीर, हिंदू हो या मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्मावलंबी यहां भोजन प्रसादी लेने आते हैं। भक्त स्वेच्छा से तेल, दही, चावल, मिठाई अपनी ओर से जो सामान लाकर दे जाते हैं। दोपहर से प्रारंभ होने वाला यह नगर भोज रात तक चलता है।
शिवरात्रि के बाद महाकाल के विवाह का उत्सव मनाते हैं। महाकाल सबके आराध्य हैं, उनका उत्सव हर कोई मना सकता है लेकिन इसका महाकाल प्रबंध समिति से कोई लेना देना नहीं हैं। रमण गुरू ने बताया कि महाकाल सरकार सर्वोपरि है इसीलिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वेच्छा से आना स्वीकार किया है, वे पुराने संरक्षक भी हैं। यह आयोजन धर्म और आस्था से भरपूर होकर निःस्वार्थ सेवा और धर्मलाभ देने का आयोजन है।