शिप्रा नदी में फैली गंदगी का असर अब जलीय जीव पर होता नजर आ रहा है। रामघाट पर कई दिनों से मृत मछलियों के कारण बदबू आने की समस्या सामने आ रही थी। बाहर से स्नान के लिए आए श्रद्वालु भी इसके चलते शिकायत कर रहे हैं। नदी में मछलियों के मरने का सिलसिला कुछ समय से बढ़ गया है, इसका कारण गर्मी और घाट में फैली हुई गंदगी है।

गर्मी के मौसम में नदी का गंदा जल तेजी से सड़ता है, इसके अलावा तापमान बढ़ने से पानी में घुलित ऑक्सीजन का स्तर भी कम हो जाता है। इस मौसम में मछलियां अन्य मौसम की तुलना में ज्यादा मरती है। ऐसे में प्रशासन को और ज्यादा सफाई व जल में ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने के लिए कार्य करना चाहिए।

घाटों के किनारे गंदगी के ढेर, श्रद्धालुओं का यहां पर बैठना तक मुश्किल

वर्तमान में घाटों के किनारों पर गंदगी, पूजा सामग्री के ढेर लग रहे हैं। स्नान करने वाले स्थान पर काई जम रही है। पानी में ऑक्सीजन मात्रा बढ़ाने के लिए निगम ने चार फ्लोटिंग फाउंटेन लगाए थे लेकिन इनका उपयोग नहीं किया जा रहा। निगम ने 5 अप्रैल को पानी को साफ रखने और ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने के लिए 4 फ्लोटिंग फाउंटेन नदी में लगवाए थे, लेकिन केवल दीपोत्सव पर चलाए गए, उसके बाद से इन्हें चलते नहीं देखा गया। मृत मछलियों की संख्या बढ़ रही है। एक किनारे के ऊपर ही 7 से 8 मृत मछलियां हुई तैरती दिख रही है। श्रद्धालुओं का घाट पर बैठना मुश्किल हो गया है।

सफाई कार्य लगातार किया जा रहा

अभी ऐसी कोई स्थिति सामने नहीं आई है। नदी का सफाई कार्य लगातार किया ही जा रहा है। जब पानी दूषित रहता है, उस स्थिति में लगातार फाउंटेन चलाए जाना है। जरूरत लगती है तो फाउंटेन की संख्या बढ़ाई भी जाएगी। – आशीष पाठक, निगम आयुक्त

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