विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली से ही प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में परिवर्तन हो जाएगा। इसी दिन से बाबा महाकाल को शीतल जल से स्नान कराया जाएगा। यह क्रम आश्विन पूर्णिमा तक रहेगा। महाकाल में होलिका दहन भी सबसे पहले होता है। इसके बाद शहर के अन्य स्थानों पर होलिका का दहन किया जाता है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में दो बार प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में परिवर्तन होता है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च को होगा। परंपरा अनुसार मंदिर में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में परिवर्तन होता है। भगवान महाकालेश्वर को शीतल जल से स्नान कराने का क्रम भी शुरू हो जाएगा।

पुजारी विजय गुरू ने बताया कि बाबा महाकाल की आरतियों के समय में आधा घंटा समय का परिवर्तन होता है। भगवान की दिनचर्या में परिवर्तन हो जाता है। संध्याकालीन पूजन सायं 5 बजे से ही होगी। आरतियों का यह क्रम आश्विन पूर्णिमा तक रहेगा। इसी तरह शहर में सबसे पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन किया जाता है।

यह होगा बाबा महाकाल की आरतियों का समय

  • प्रथम भस्म आरती: प्रात: 4 से 6 बजे तक
  • द्वितीय दद्योदक आरती: प्रात: 7 से 7:45 बजे तक
  • तृतीय भोग आरती: प्रात: 10 से 10:45 बजे तक
  • चतुर्थ संध्याकालीन पूजन: सायं 5 से 5:45 बजे तक
  • पंचम संध्या आरती: सायं 7 से 7:45 बजे तक
  • शयन आरती: रात्रि 10:30 से 11 बजे तक

(भस्म आरती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होगी।)

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