कांग्रेस ने आरोप लगाया है की त्रिवेणी घाट पर बना स्टाप डेप के कतीथ रूप से टूटने से कान्ह का गंदा पानी शिप्रा में मिल रहा है। यह डेम कान्ह के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए बनाया गया था। दो दिन पहले ही रामघाट क्षेत्र में पाइप लाइन लीकेज होने के कारण नाले का गंदा पानी शिप्रा में मिल गया था। चैत्र पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं को बगैर स्नान के लौटना पड़ा था। कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कच्चा बांध टूटा नहीं है। ओवर फ्लो होने की वजह से पानी निकालने के लिए बांध तोड़ा गया है। शिप्रा में गंदा पाने मिलने से रोकने के लिए 21 साल में 650 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर दिए गए लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल रहा है। 2028 के सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए शिप्रा को साफ करने के लिए गोठड़ा से कालियादेह महल तक क्लोज डक्ट योजना बनाई गई है। इस योजना पर करीब 598 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

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