प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 मार्च को उज्जैन में वैदिक घड़ी का वर्चुअल ​​​​​​लोकार्पण करेंगे। यह दुनिया की पहली ऐसी डिजिटल वॉच होगी, जो इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (IST) और ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) तो बताएगी ही, पंचांग और 30 मुहूर्त की भी जानकारी देगी। सूर्योदय – सूर्यास्त से लेकर सूर्य और चंद्र ग्रहण कब होगा? यह भी बताएगी।

उज्जैन में जंतर-मंतर पर 85 फीट ऊंचे टॉवर पर इसे लगाया जाएगा। वैदिक घड़ी का एप भी लॉन्च होगा। आप इसे मोबाइल पर इंस्टॉल कर यूज कर सकेंगे।

वैदिक वॉच की खासियत के बारे में हम जानेंगे, पहले जान लेते हैं IST और GMT क्या हैं?

ब्रिटिश शासन में हमारे देश के 2 टाइम जोन थे- कोलकाता और दूसरा मुंबई। बाद में IST (इंडियन स्टैंडर्ड टाइम) बना, यानी एक देश का एक ही मानक समय। हमारा GMT + 5.30 है। मतलब ग्रीनविच मीन टाइम से 5.30 घंटे आगे।

GMT एक ऐसी यूनिट है, जिससे दुनिया के समय का आकलन लगाया जाता है। ग्रीनविच इंग्लैंड का एक गांव है। GMT को 1884 में मान्यता दी गई थी। 1972 तक यह ‘अंतर्राष्ट्रीय सिविल टाइम’ का मानक बन गया।

अब बात वैदिक घड़ी के बारे में…

वैदिक घड़ी को लखनऊ की संस्था ‘आरोहण’ के आरोह श्रीवास्तव बना रहे हैं। इसमें GMT के 24 घंटों को 30 मुहूर्त (घटी) में बांटा गया है। हर घटी का धार्मिक नाम और खास मतलब होगा। घड़ी में घंटे, मिनट और सेकंड वाली सुई भी रहेगी। सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर यह टाइम की कैलकुलेशन करेगी। मुहूर्त गणना, पंचांग, मौसम से जुड़ी जानकारी भी हमें इस घड़ी के जरिए मिलेगी।

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