सामाजिक न्याय परिसर के रामलीला मैदान में चल रही रामलीला का समापन भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के साथ हुआ। अंतिम दिन रामसेतु के निर्माण से प्रारंभ हुई रामलीला में रावण की पूरी सभा में बैठे महारथी भी अंगद का पैर नहीं हिला पाए, लक्ष्मणजी को शक्ति लगी और कुंभकरण, मेघनाथ और रावण का वध हुआ।
कथा के प्रारंभ में भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मणजी की आरती हेमलता दीदी सरकार भारत माता मंदिर आलमपुर उड़ाना,महंत राम चंद्र दास दिगंबर अखाड़ा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मध्यक्षेत्र ग्राम विकास प्रमुख शंभू गिरी, मालवा प्रांत प्रचार प्रमुख विनय दीक्षित, महानगर संघ प्रमुख श्रीपाद जोशी, प्रांत कुटुंब प्रबोधन संयोजक विजय केवलिया, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ महानगर शारीरिक प्रमुख पवन भाटी, राकेश शर्मा शारदा पीठ, पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय, बहादुर सिंह बोर मुंडला जिला अध्यक्ष ग्रामीण ने आरती की।

इस अवसर पर कार्यक्रम संरक्षक उल्लास वैध, भगवान शर्मा, संयोजक पूर्व नगर निगम अध्यक्ष सोनू गेहलोत, संस्कार मंच के कार्यकारी अध्यक्ष चरणजीत सिंह कालरा, कोषाध्यक्ष सुनील खत्री, प्रशांत शर्मा, पुष्पेंद्र शर्मा, दीपक सांखला, राजेश अग्रवाल, गिरीश जायसवाल, मनोहर गेहलोत, गणेश बागड़ी, गौरव तोमर आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे। यह जानकारी संस्कार मंच के मीडिया प्रभारी विशाल पंचाल द्वारा दी गई। 9 दिनों तक रामलीला के मंच पर श्रीराम की भूमिका में देवर्ष नागर मुंबई, मां सीता के किरदार में निकिता पोरवाल एमएस वडोदरा तथा दशरथ के किरदार में राजीव सक्सेना मुंबई नजर आए। मंच से परे वस्तु एवं वस्त्र विन्यास गौरव पंवार, सोमु हरदेनिया, याशिका भंवर, निकिता पोरवाल का रहा। रंगभूषा कुमार शिवम, वंशिका गुप्ता इंदौर, प्रकाश परिकल्पना मुंबई से, कला निर्देशक कुंजबिहारी पंड्या, नृत्य निर्देशक डॉ. पल्लवी किशन, संगीत निर्देशक इंदरसिंह बैस, रिकॉर्डिंग प्रबंधक जगरूपसिंह चौहान, शिरीष राजपुरोहित, पं. विश्वास शर्मा, अमित शर्मा का रहा।

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