उज्जैन के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने लोगों को साल- 2022 में दो नए स्वीमिंग पुल की सौगात देने का सपना तो दिखाया, मगर उसे पूरा नहीं किया। हकीकत ये है कि एक प्रोजेक्ट समय सीमा “गुजरने के बाद भी अधूरा है और दूसरा प्रोजेक्ट स्वीकृति के साल भर बाद भी आकार नहीं ले सका है। मामला उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के आगर रोड निर्माणाधीन स्वीमिंग पूल और नगर निगम के देवास रोड स्थित स्वीमिंग पूल प्रोजेक्ट का है। कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार निंगम मुख्यालय के पीछे घरातल पर आकार ले रहे स्वीमिंग पुल के दूसरे चरण का काम कायदे से फरवरी 2020 तक पूरा हो जाना था। ढाई साल ज्यादा गुजर गए हैं मगर अब तक काम पूरा नहीं हुआ है अभी लगभग 15 फीसद काम शेष है।वर्तमान में काम कई सप्ताह से बंद है। साथ ही जिम्मेदारों का कहना है कि स्वीमिंग पूल फेज- 2 का निर्माण 19 करोड़ 50 लाख रुपये से हो रहा है।
इस प्रोजेक्ट के तहत डाइविंग पुल, लीजर पूल, जिम, टेनिस कोर्ट बनाया जा रहा है। वर्षाकाल की वजह से प्रोजेक्ट बंद है, जल्द ही इसे शुरू कराएंगे। बात नगर निगम के देवास रोड स्थित तरणताल को तोड़ कर बनाए जाने वाले स्वीमिंग पुल की करे तो यहां तुड़ाई तक नहीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार ये वो प्रोजेक्ट है, जिसका प्रस्ताव पिछले साल नगर निगम प्रशासक ने पास किया था। पिछले साल जिसके निर्माण के लिए निविदा निकली थी और कार्य आदेश की फाइनल ड्राइंग-डिजाइन तय न होने से महीनों लबित रखी गई थी। कुछ सप्ताह पहले ठेकेदार को काम करने के निर्देश दिए और ठेकेदार ने जब तुड़ाई शुरू की तो अगले ही दिन काम पर रोक लगवा दी गई। ऐसा क्यों किया गंया, इसका जवाब न ठेकेदार दे रहा है और न निगम प्रशासन। तरणताल की जगह बनने वाला नया पुल मौजूदा पुल से बड़ा बनेगा। डिजाझन के अनुसार मौजूदा पुल 37.60 बाय 15 मीटर का है, जिसे तोड़कर अब 50 बाय 20 मीटर का बनाया जाएगा। एक किड्स पुल भी बनाया जाएगा। नए भवन में पार्किंग, टायलेट, चैंजिंग रूम भी बनाए जाएंगे। निर्माण के लिए तीन करोड़ 25 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। बता दे कि तरणताल, उज्जैन का पहला स्वीमिंग पूल है, जिसकी सौगात शहर बासियों को सन 1969 को मिली थी। यहां बहुत ही न्यूनतम शुल्क में लोगों को तैरांकी का प्रशिक्षण दिलाया जाने और तैराकी का लुत्फ उठाने की सुविधा थी। वक्त के साथ इसका स्ट्रक्चर खराब होता चला गया। बीते एक दशक में मरम्मत पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, बावजूद लक्ष्य अनुरूप सुधार नहीं हुआ तो निगम परिषद ने इसे बंद करवा दिया। चार साल से तरणताल बंद है।