मार्गशीर्ष (अगहन) मास की दूसरी और कार्तिक-मार्गशीर्ष मास की पांचवी (शाही) सवारी सोमवार को निकाली जाएगी। शाम 4 बजे मंदिर के सभामंडप से विधिवत पूजन-अर्चन के बाद पालकी में बाबा महाकाल चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित किए जाएंगे।
मंदिर प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया परंपरा के सम्यक निर्वहन में सवारी सादगीपूर्ण व्यवस्थाओं में निकाली जाएगी। सोमवती अमावस्या होने से उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि दूर से ही भगवान के दर्शन कर पुण्य लाभ लें। सवारी में भजन मंडलियां, अन्य मुघौटे शामिल नही होंगे। केवल सीमित संख्या में पुजारी, कर्मचारी, अफसर व्यवस्था के लिए शामिल होंगे।