धार के भोजशाला विवाद में हिंदू पक्ष की सुनवाई पर हाईकोर्ट द्वारा ASI से सर्वे के आदेश के बाद अब उज्जैन के संत महामंडलेश्वर ने भी हाई कोर्ट में जाने का मन बना लिया है। उज्जैन में बिना नीव की मस्जिद को संत कई वर्षो से उसमे हिंदू देवी देवताओं की मूर्ति और वहां महादेव मंदिर होने का दावा करते नजर आए है। जबकि अभी यहाँ मुस्लिम रोजाना नमाज पढ़ने आते है।

ज्ञानवापी मस्जिद और अब धार भोजशाला विवाद को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उज्जैन के संतो की उम्मीद जागी है। आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज कई वर्षो से दानी गेट स्थित बिना नींव की मस्जिद में शिव मंदिर होने का दावा करते आए है। उन्होंने कहा कि जिस जगह को बिना नीव की मस्जिद कहा जाता है जहां मुस्लिम नमाज अदा कर रहे है उस जगह को राजा भोज द्वारा परमार काल में निर्मित कर सरस्वती कंठा भरण कहा गया है। इसी जगह पर अंदर परमार कालीन सोमेश्वर महादेव था जिसे इल्तुमीश ने तोड़ दिया था। मंदिर में अभी आप जाकर देखंगे तो दिखाई देगा कि मस्जिद की बनावट वहां के 88 स्तम्भ मंदिर की तरह है। उन पर हिन्दू मंदिरों तरह नक्काशी की गई है।

संत ने कहा कि डॉ रहमान अली ने भी अपनी किताब में बिना नीव की मस्जिद में मंदिर के आर्किटेक्चर होने की बात कही है। अतुलेशानंद ने कहा की सभी एविडेंस एकत्रित कर लिए है अब हम कोर्ट से अपील करेंगे की यहाँ भी ASI से सर्वे कराकर हमें हमारा मंदिर लौटा दिया जाए। जल्द ही हम इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाने जा रहे है।

नमाज बंद कर मंदिर हमें सौंपे-

संत महामंडलेश्वर अतुलेशनंद महाराज ने कहा कि उज्जैन में राजा भोज द्वारा निर्मित सोमेश्वर महादेव थे। जिसे इल्तुमीश के आने के बाद उसे खंडित किया गया और दिलावर खान द्वारा शिव मंदिर के शिवलिंग को बाहर फेंक दिया गया। आज उसे मंदिर की जगह बिना नीव की मस्जिद के नाम से प्रचलित कर दिया गया। मुस्लिम पक्षों के द्वारा उसने नमाज पढ़ी जा रही। परंतु उसमें शिव का गर्भगृह भी है। और 88 खंबे भारतीय सनातन परंपरा के अनुसार बने हुए। कई जगह मंदिर भगवान का आर्किटेक्चर मिलता है। इससे ओल्ड हिंदू टेंपल इसे साबित होता है कि। यहां निश्चित ही रूप से सरस्वती मंदिर रहा होगा। और अगर मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद कहता हैं। और मैं यह कहना चाहूंगा कि यह राजा भोज ने बनाया था। शासन प्रशासन से अनुरोध है कि मस्जिद में आज भी नवाज पड़ी जा रही है वहां के स्ट्रक्चर के साथ छेड़छाड़ ना हो उसकी निगरानी के लिए वहां पर सबसे पहले नमाज पढ़ने बंद कराई जाए और वही सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए ताकि किसी भी प्रकार की कोई छेड़छाड़ ना हो।

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