उज्जैन में हाल ही में संपन्न हुए नगर पालिक निगम के महापौर पद के चुनाव में फर्जी मतगणना का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने जिला व सत्र न्यायाधीश उज्जैन के समक्ष याचिका दाखिल की। न्यायालय ने याचिका क्रमांक- MJC157/2022 दर्ज कर ,संज्ञान लेते हुए सभी प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर भाजपा प्रत्याशी मुकेश टटवाल एवं जिला निर्वाचन अधिकारी उज्जैन सहित अन्य प्रत्याशियों को भी याचिका में पार्टी बनाकर जवाब माँगा है।

मध्य प्रदेश में अलग अलग चरणों में हुए नगरीय निकायों चुनाव के पहले चरण में 6 जुलाई को उज्जैन में वोट पड़े थे और 17 जुलाई को उसके नतीजे आये थे। उज्जैन में महापौर पद के परिणाम के बीच जमकर हंगामा देखने को मिला था। नगर निगम चुनाव में आये परिणामों में महेश परमार को महापौर पद के लिए 133358 मिले वोट मिले और महेश परमार को 736 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था । जिसके बाद मतगणना स्थल पर जमकर हंगामा हुआ था और कांग्रेस नेता और प्रशासन आमने सामने हो गया था। महेश परमार द्वारा कोर्ट में लगाई गई याचिका में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए साथ ही याचिका में कोर्ट की निगरानी में पुनः मतगणना की मांग की गई है। परिणाम घोषित कर कांग्रेस प्रत्याशी को विजेता घोषित करने की मांग की गई है।

 

चुनाव परिणाम बदलने का आरोप

विधायक महेश परमार ने कहा है कि यह जिला निर्वाचन अधिकारी ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी। जनता के जनादेश को बदलकर मनमर्जी तरीके से जनता को धोखा देकर चुनाव आयोग के आदेशों की अवहेलना कर कांग्रेस प्रत्याशी को हराया। चुनाव याचिका में भाजपा प्रत्याशी मुकेश टटवाल एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर आशीष सिंह पर मिलीभगत कर सत्ता के दबाव में चुनाव परिणाम को बदलने का आरोप लगाया

कोर्ट में ये तर्क रखे गए

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने सत्ता पक्ष पर सरकारी मशीनरी का उपयोग कर परिणामो में हेरफेर करने का आरोप लगाते हुए उज्जैन कलेक्टर से दोबारा काउंटिंग की मांग की थी। मतगणना के दौरान स्वयं जिला निर्वाचन अधिकारी ने आशीष सिंह ने पहले 923 वोटों के अंतर से महेश परमार को पराजित होने की उद्घोषणा की एवं महेश परमार द्वारा आपत्ति लेने पर वह पुनः मतगणना की मांग करने पर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पुनर्मतगणना की मांग को खारिज कर परिणाम बदल कर विधि विरुद्ध, 736 वोटों के अंतर से महेश परमार को पराजित होने का परिणाम दूसरी बार वहीं पर घोषित किया । यह सीधा-सीधा संवैधानिक व्यवस्था का हनन और अपमान है। , लगभग 8 मतदान केंद्रों पर प्रयुक्त ईवीएम मशीन को बदलकर मतगणना में भिन्न मशीनों का प्रयोग किया गया उसमें वोटों की हेराफेरी की गई जिस अनुसार महेश परमार को लगभग दो हजार (2000) से अधिक वोटों से हराया गया भाजपा के प्रत्याशी मुकेश टटवाल के मतों में जोड़कर मतगणना एवं चुनाव का परिणाम प्रभावित किए। जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रेक्षक के सामने आश्वासन देने के बाद भी पुनर्मतगणना नहीं करवाई।भाजपा प्रत्याशी मुकेश टटवाल एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने फर्जीवाड़ा करते हुए वोटों के योग वोटों के उल्लेख तथा प्रारूप का 18 क और 21 क में वोटों का अंतर रखा और कूट रचना कर भाजपा को जिताया गया ।

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