उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने आईआईटी इन्दौर के डीएएएसई और मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा भारत देश के अन्य प्रान्तों के आईआईटी के विद्वतजनों के साथ महानन्दा नगर स्थित तारामण्डल के सभाकक्ष में चर्चा की। शिक्षा की उपयोगिता सिद्ध करने हेतु उज्जैन की संस्कृति एवं प्राचीन परिकल्पना को साकार करने के लिये उज्जैन में खगोल विज्ञान एवं अंतरीक्ष प्रौद्योगिकी केन्द्र बनाया जाना अत्यावश्यक है। इससे समाज के शिक्षा से जुड़े छात्र एवं समाज के अन्य कला के विशेषज्ञों को रोजगार मिलेगा।खगोल विज्ञान और अंतरीक्ष इंजीनियरिंग में विरासत और नवाचार केन्द्र के उज्जैन में निर्माण के लिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इन्दौर और मप्र विज्ञान प्रौद्योगिकी भोपाल तथा सम्पूर्ण देश के बड़े आईआईटी संस्थानों के वैज्ञानिकों ने महानन्दा नगर स्थित तारा मण्डल के सभाकक्ष में उज्जैन के विकास के सम्बन्ध में बैठक कर विचार-विमर्श किया। बैठक में पूर्व विधायक सतीश मालवीय, कलेक्टर आशीष सिंह, इन्दौर आईआईटी के संचालक प्रो.सुहास जोशी, इन्दौर आईआईटी के प्राध्यापक प्रो.अभिरूक्त दत्ता, डॉ.अनिल कोठारी, डॉ.सिद्धार्थ सव्यसाची तथा बैंगलुर, देहरादून, पुणे आदि प्रान्तों एवं शहरों के आईआईटी के प्रोफेसर, विद्वतजन आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के पूर्व डायरेक्टर जनरल एण्ड साइंटिफिक एडवायजर मप्र के डॉ.अनिल कोठारी ने अतिथियों का शाल, श्रीफल, पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।तारामण्डल में हुई संगोष्ठी में आईआईटी इन्दौर एवं अन्य देश के आईआईटी के विषय विशेषज्ञों ने चर्चा की। उज्जैन में एक नवीन कैम्पस को भारत सरकार एवं मप्र सरकार की मदद से प्रस्तावित किया है। इस सन्दर्भ में कई संस्थागत एवं प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को आमंत्रित कर एक दिवसीय संगोष्ठी में विस्तार से उज्जैन के विकास के लिये चर्चा की गई। चर्चा के दौरान उज्जैन की प्रगति, जिसमें प्रौद्योगिकी शिक्षा सम्बन्धी प्रशिक्षण एवं उन्नति के विषय पर गहन विचार-विमर्श किया गया। उपस्थित विशेषज्ञों की राय यह रही कि हैरिटेज एण्ड इनोवेशन सेन्टर इन एस्ट्रोनॉमी और स्पेस इंजीनियरिंग एक खगोल विज्ञान एवं अंतरीक्ष प्रौद्योगिकी केन्द्र उज्जैन में स्थापित किया जाना आवश्यक है। इससे उज्जैन में नवाचार की उन्नति के लिये बनाया जायेगा।

 

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने संगोष्ठी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और आईआईटी के माध्यम से किये जा रहे कामों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उज्जैन की परिकल्पना को साकार करने के लिये ज्ञान-विज्ञान की नगरी कही जाने वाली को साइंस सिटी के साथ-साथ आईआईटी कैम्पस उज्जैन में होने से उज्जैन के विकास में और बेहतर काम होंगे। डॉ.यादव ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से इन्दौर व उज्जैन पास-पास ही है, परन्तु उज्जैन की महत्ता को और बेहतर बनाने के लिये सैद्धान्तिक रूप से भारत सरकार एवं मप्र सरकार की मदद से स्किल डेवलपमेंट के विकास के साथ-साथ आईआईटी आने से और अधिक उज्जैन को विकसित किया जाने का प्रयास होगा। आईआईटी के विद्वानों का साथ है तो निश्चित ही उज्जैन में और अच्छे विकास के काम होंगे।

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