मध्य प्रदेश के 10 जिलों में 2,171 पशु लंपी त्वचा रोग से पीड़ित हैं। उज्जैन के खाचरोद और आसपास के इलाकों मैं भी 15 केस सामने आए है। जिसके बाद प्रशासन ने इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित गांवों और जिलों में पशुओं के आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया है। उज्जैन जिले मैं आए 15 लंपी वायरस के केस की स्थिति की समीक्षा की गई है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया की बीमारी से प्रभावित जिलो से सटे इलाकों में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। साथ ही अन्य राज्यों से आ रहे पशुओं पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। लंपी बीमारी से बचाव के लिए अधिक से अधिक पशुओं में आवश्यक टीकाकरण सुनिश्चित किया गया है। करीब 16 हजार टीके पशुओं को लगाए जा चुके है। पशुपालकों को मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
पशुपालन विभाग के वेटनरी डॉक्टर बर्वे ने बताया कि लंपी त्वचा रोग गौ वंशीय पशुओं में वायरस से होता है। यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है। उन्होंने कहा कि उज्जैन में इस रोग की पुष्टि हुई है। पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘लंपी त्वचा रोग को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित ग्रामों और जिलों में पशुओं के आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है।’