श्री महाकालेश्वर मंदिर में धुलेंडी की सुबह सोमवार को भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लगने के कारण 14 लोग घायल हुए है। घटना की गंभीरता को देखते हुए सीएम मोहन यादव ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश देकर तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। जांच जिला पंचायत सीओ मृणाल मीणा और एडीएम अनुकूल जैन करेंगे। दोनों ने मंगलवार से ही जांच शुरू कर घटना से जुड़े लोगों के बयान लेना शुरू कर दिए हैं।

आगजनी की घटना में महाकाल मंदिर से सोमवार सुबह हुई भस्म आरती के दौरान के गर्भगृह में लगे सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से देखा गया है। वहीं, मंदिर से जुड़े और महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान सेवाएं देने वाले कर्मचारी पण्डे पुजारियों से भी पूछताछ की गई है। साथ ही, आग लगने के दौरान उपयोग किए गए गुलाल का सैंपल लेकर जांच के लिए लैबोरेटरी भेजा है। गुरुवार तक अधिकारियों को जांच रिपोर्ट कलेक्टर नीरज सिंह को पेश करनी है।

जांच समिति ने 24 से ज्यादा लोगों के बयान लिए

मंगलवार शाम करीब 5 बजे जांच कमेटी के जिला पंचायत सीओ मृणाल मीणा और एडीएम अनुकूल जैन महाकाल मंदिर के कंट्रोल रूम पहुंचे। यहां सोमवार को हुई भस्म आरती से जुड़े गर्भगृह और उसके आसपास कार्यरत कर्मचारियों को बयान के लिए बुलाया गया। दोनों अधिकारियों ने मिलकर सभी से करीब 10-10 मिनट तक अकेले में बयान लिए। जिसमें भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा,आशीष दुबे, निरीक्षक राजू मालवीय, तीन महिला कर्मचारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरपी गेहलोत, प्रतीक द्विवेदी, पीयूष त्रिपाठी सहित मंदिर से जुड़े दो दर्जन लोगों के बयान लिए गए।

अग्नि दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच भी जारी है। मुख्य कार्यपालन पदाधिकारी जिला पंचायत मृणाल मीणा ने बताया कि घटना के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर प्रतिवेदन दिया जाएगा। बताया गया कि जांच में पाए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्राथमिक रिपोर्ट यथा शीघ्र सौंपी जाएगी। जिसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट भी बनाई जाएगी। जिस पर प्रभावी कार्रवाई की जा सके।

अपर कलेक्टर अनुकूल जैन ने बताया कि जांच के संबंध में दुर्घटना के वीडियो फुटेज का गहन अवलोकन किया जा रहा है। साथ ही, नियमित श्रद्धालु, पुजारी और मंदिर समिति के कर्मचारियों के भी बयान लिए जा रहे हैं। इस संबंध में फायर एक्सपर्ट से भी चर्चा की जा रही है।

गुलाल लाने और डालने वालों पर कार्रवाई तय

मंदिर सूत्रों की मानें, तो आग लगने का कारण केमिकल युक्त गुलाल का उपयोग करना ही सामने आया है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार सुबह महाकाल मंदिर समिति ने 200 किलो गुलाल दी थी, लेकिन गर्भगृह में प्रवेश करने वाले कुछ लोग गुलाल साथ लाए थे। जिसके बाद उन्होंने गर्भगृह में गुलाल को उड़ाया। आरती के दौरान पुजारी के सिर पर डालने के बाद ही घटना सामने आई है।

सूत्रों ने ये भी बताया कि महाराष्ट्र के एक भक्त ने रविवार और सोमवार को मंदिर में चलाने के लिए स्प्रे गुलाल उपलब्ध करवाए थे। तीन दिन में रिपोर्ट आने के बाद ये माना जा रहा है। जांच में गर्भगृह में उस दौरान दो या तीन लोगों पर कार्रवाई तय मनाई जा रही है। घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज पहले ही मंदिर प्रशासक ने जांच टीम को सौंप दिए।

चांदी द्वार व नंदी हाॅल में प्रवेश बंद किया

घटना के बाद जिला प्रशासन भी सचेत हो गया है। सोमवार देर रात को कलेक्टर,एसपी ने महाकाल मंदिर पहुंचकर भस्म आरती के लिए आने वाले श्रद्धालुओंं की व्यवस्था की जानकारी लेकर श्रद्धालुओं के आने व जाने के पॉइंट देखे। वहीं, जांच के लिए घटना वाले दिन के फुटेज चेक किए हैं। इसके अलावा, गुलाल के सैम्पल भी लिए हैं। घटना के बाद सोमवार से मंदिर के चांदी द्वार और नंदी हाल में लोगों का प्रवेश बंद कर दिया है। आचार संहिता होने से राजनीतिक प्रोटोकाॅल की सुविधा बंद है। अन्य लोगों को प्रोटोकाल से दर्शन करने के लिए 250 रूपए शुल्क की रसीद लेकर प्रथम बेरिकेट्स से दर्शन कराए जा रहे है।

अग्निकांड की जांच के लिए फोरेंसिक फायर विशेषज्ञ मुंबई से आए

कलेक्टर सिंह एवं पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने महाकाल मंदिर का मौका मुआयना कर विशेषज्ञों से राय ली। प्रशासन की पहल पर श्री महाकाल मंदिर में हुई अग्नि दुर्घटना पर विस्तृत जांच के लिए फोरेंसिक फायर विशेषज्ञ मुंबई नीलेश उकुंडे उज्जैन पहुंचे। सोमवार को कलेक्टर सिंह ने फायर एक्सपर्ट उकुंडे के साथ बैठक कर उन्हें अग्नि दुर्घटना के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने विशेषज्ञ को जल्द बेहतर कार्ययोजना बनाने और सुरक्षा सुझाव देने के लिए कहा है।

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